Phenomenal Woman या 'सम्पूर्ण स्त्री' (Hindi) Poem by Rajnish Manga

Phenomenal Woman या 'सम्पूर्ण स्त्री' (Hindi)

Rating: 5.0

मोहक महिलायें विस्मित हैं कि राज़ कहाँ है छिपा मेरा,
न तो मैं हूँ आकर्षक न फैशन मॉडल सी ही काया है
किंतु उन्हें जब बतलाना आरम्भ करूँ तो,
सब कहतीं मैं ही झूठी हूँ.
मैं कहती हूँ,
यह तो मेरे बाजुओं की पहुँच में है
और है मेरे नितम्बों के वलय में
मेरे कदमों और लम्बे डग में है,
मेरे होठों की गोलाई में है,
मैं हूँ एक स्त्री
सर्वगुण-संपन्न.
सम्पूर्ण स्त्री,
यानि कि मैं.

मैं कमरे में चलती हूँ
इतनी शांत कि जितना कोई हो सकता है,
और किसी पुरुष के लिए,
संगी साथ खड़े होते या
घुटनों के बल झुक जाते हैं,
तब वो मुझे घेरने लग जाते हैं,
जैसे छत्ता मधुमक्खियों का हो कोई.
मैं कहती हूँ,
मेरे नेत्रों की ज्वाला है यह,
और दंत-पंक्ति की धवल कांति है,
मेरी कमर की शोखी है,
और मेरे पगों का हर्षातिरेक है.
मैं एक स्त्री हूँ
सर्वगुण-संपन्न.
सम्पूर्ण स्त्री,
यानि कि मैं.

मर्दों को तो स्वयं बड़ी हैरानी थी
क्या है मुझमें जिसे देखते वो रहते हैं.
बड़ी कोशिशे करने पर भी
मेरे अंतर के रहस्य को
छूने में अक्षम पाते हैं खुद को
उन्हें दिखाना भी चाहूँ तो
कह देते हैं नज़र नहीं आता है अब भी.

मैं कहती हूँ,
मेरी कमर की जुम्बिश है यह,
मुस्कानों की धूप है यह,
मेरे वक्षों का उन्नत उभार है यह,
मेरे किरदार की शोभा है यह.
मैं हूँ एक स्त्री.

सर्वगुण-संपन्न
सम्पूर्ण स्त्री,
यानि कि मैं.

अब आपकी समझ में आया
कि क्यों नहीं झुकता कहीं भी शीश मेरा
न मैं चिल्लाती हूँ न उछलकूद ही करती रहती
या सचमुच ही बड़े ज़ोर से बातें करती.
जब तुम मुझे यहाँ से गुज़रते देखो
तुम्हे गर्व का अनुभव होना चाहिए.
मैं कहती हूँ,
यह तो मेरी एड़ियों की आवाज में है,
मेरे बालों की लहरों में,
मेरे हाथों की हथेलियों में,
मेरी सुश्रुषा की आवश्यकता में,
क्योंकि मैं एक स्त्री हूँ
सर्वगुण-संपन्न.
सम्पूर्ण स्त्री,
यानि कि मैं.


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Original English Poem by Maya Angelou

Hindi Translation by Rajnish Manga
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(Faridabad, India)
(November 23,2014)

Sunday, November 23, 2014
Topic(s) of this poem: women empowerment
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 15 December 2014

मेरे कदमों और लम्बे डग में है, मेरे होठों की गोलाई में है, .. bahut umda...10 mere chalne ke saamarthy me meri unchi rakhi hui nigahon me hai mera aasmaan or meri unchai

4 0 Reply
Abdulrazak Aralimatti 23 March 2015

A good translation worthy of praise.

4 0 Reply
Rajnish Manga 23 March 2015

Thanks for visiting this page. Thanks for leaving such a nice and encouraging comment.

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Women work 29 December 2021

Pome

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very nice poem showing the real power of woman.. clear 10 एक नारी बुधवार। ८ जुलाई २०२० 5: 42 AM हमारी कोख से निकला मनुष्य हमारे प्रेम से ही बढ़ता उसका आयुष्य हमारी अवमानना उसे डुबो देगी संसार में उसे कहीं भी जगा नहीं मिलेगी। हमसे है गर्वान्वित संसार मिल जाना चाहिएआपको आसार मनुष्य जीवन का यही है सार समजोगे तो हो जाएगा भवपार। हसमुख मेहता

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Kumarmani Mahakul 04 April 2020

Original English Poem by Maya Angelou you have translated with so much responsibility that touches the heart. We feel the true essence in our Mother Tongue of many states, Hindi. Every line is very beautiful. Quality of a nice woman is excellently narrated. Your effort is of course highly appreciated.

1 0 Reply
Rajnish Manga 05 April 2020

It might be a coincidence that you chose to read this poem and to comment upon, yet it has given me a pleasant surprise. By the way, Maya Angelou was born on April 4,1928. I pay my tributes to her.

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Dr Dillip K Swain 17 December 2019

An excellent piece of translation sir! I get immense pleasure in reading this magnificent piece of work time and again to my utmost satisfaction!

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Bharati Nayak 07 July 2019

" Phenomenal Woman" is one of the most powerful write of Maya Angelo .It is not always easy to translate a poem into another language keeping the beauty of original language. But your translation has done justice to the original write of Maya Anjelo.

2 0 Reply
Rajnish Manga 08 July 2019

Your kind words provide me with much needed support and assurance about this Hindi translation. Thanks, Bharati ji.

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